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उस बंदे की चाह देखिएगा


उस बंदे की चाह देखिएगा 

और उस का निबाह देखिएगा 


मैं कैसे निबाहता हूँ तुम से 

इंशा-अल्लाह देखिएगा 


फ़ौजें अश्कों की तुल रही हैं 

ये हशमत-ओ-जाह देखिएगा 


आशिक़ मुझे जान करते हैं क़त्ल 

तक़्सीर ओ गुनाह देखिएगा 


'इंशा' से आप अब ख़फ़ा हैं 

यूँ भर के निगाह देखिएगा

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